शुभमन गिल की कप्तानी में टीम ने किया वह कारनामा जो 148 साल के क्रिकेट इतिहास में कोई टीम नहीं कर सका

क्रिकेट इतिहास का ऐसा टेस्ट, जहाँ रिकॉर्ड भारत के बने और जीत इंग्लैंड की हुई

क्रिकेट के 148 सालों के गौरवशाली इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई टीम टेस्ट मैच में 5 व्यक्तिगत शतक लगाने के बावजूद मैच हार गई और दुर्भाग्य से यह ऐतिहासिक क्षण भारत के नाम दर्ज हो गया है।

इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में भारत ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। टीम के पांच बल्लेबाजों ने व्यक्तिगत शतक लगाए एक ऐसी उपलब्धि जो किसी भी टीम के लिए जीत की गारंटी मानी जाती है। मगर इस बार किस्मत और हालात कुछ और ही कहानी लिख चुके थे।

भारत की पारी की झलक

भारत की बल्लेबाजी लाजवाब रही। शीर्ष क्रम से लेकर मध्यक्रम तक, हर बल्लेबाज ने जिम्मेदारी निभाई और अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया:

ओपनर ने ठोस शुरुआत दी,मिडल ऑर्डर ने दबाव में रन बनाए,लेकिन निचला क्रम रनों में योगदान नहीं दे पाया।

भारत के लिए शानदार बल्लेबाज़ी

भारत की तरफ से पहली पारी में यशस्वी जायसवाल ने 159 गेंदों में 101 रन बनाए और भारत को एक मजबूत शुरुआत दिलाई। इसके बाद शुभमन गिल ने धैर्यपूर्ण पारी खेलते हुए 227 गेंदों में 147 रनों की बेमिसाल पारी खेली। लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बने ऋषभ पंत जिन्होंने 178 गेंदों में 134 रन बनाए और फिर तीसरी पारी में भी 140 गेंदों पर 118 रन बनाकर अपने शानदार फॉर्म का प्रदर्शन किया। उनके साथ केएल राहुल ने भी तीसरी पारी में 247 गेंदों में 137 रन बनाकर टीम की नींव मजबूत की।

इंग्लैंड की जोरदार वापसी

भारत की मजबूत बल्लेबाज़ी के जवाब में इंग्लैंड ने भी शानदार प्रदर्शन किया। दूसरी पारी में ओली पोप ने 137 गेंदों पर 106 रन बनाकर टीम को संभाला। वहीं चौथी पारी में इंग्लैंड की ओर से बेन डकेट ने 170 गेंदों में 149 रनों की आक्रामक पारी खेली और मैच को रोमांचक बना दिया।

फिर हार कैसे हुई भारत की ?

जहाँ भारत की बल्लेबाजी रिकॉर्ड बना रही थी वहीं गेंदबाजी और फील्डिंग में कुछ अहम चूक हो गई और कुछ ड्रॉप कैच और गलत निर्णयों ने भारत की पकड़ कमजोर कर दी।

विपक्षी टीम ने न सिर्फ वापसी की बल्कि आखिरी दो दिन भारत पर पूरी तरह हावी हो गई। आखिरी पारी में भारत का बल्लेबाज़ी क्रम दबाव में ढह गया और एक बड़ी हार में यह ऐतिहासिक मैच दर्ज हो गया।

क्रिकेट इतिहास का अनोखा रिकॉर्ड

इस हार के साथ भारत टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली टीम बन गई जिसने एक ही टेस्ट में पांच व्यक्तिगत शतक लगाने के बावजूद मैच गंवा दिया।

भारत के विरुद्ध टेस्ट में सबसे बड़े रन चेज़: एक ऐतिहासिक नजर

टेस्ट क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है विशेषकर भारत जैसी मजबूत गेंदबाज़ी आक्रमण वाली टीम के खिलाफ। फिर भी कुछ मौकों पर विरोधी टीमों ने असंभव को संभव कर दिखाया।

2022 में बर्मिंघम टेस्ट में इंग्लैंड ने कप्तान जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाली भारतीय टीम के खिलाफ 378 रनों का पीछा कर इतिहास रच दिया। यह भारत के खिलाफ सबसे बड़ा सफल रन चेज़ है। इसके तीन साल बाद, 2025 में लीड्स में इंग्लैंड ने फिर कमाल दिखाया, इस बार शुभमन गिल की कप्तानी में 371 रनों का पीछा कर दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की।

ऑस्ट्रेलिया ने 1977 में पर्थ में 339 रन बनाकर तीसरा सबसे बड़ा रन चेज भारत के खिलाफ जब बिशन सिंह बेदी भारतीय कप्तान थे। वेस्टइंडीज ने 1987 में दिल्ली में दिलीप वेंगसरकर की कप्तानी में भारत के खिलाफ 276 रन का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया। वहीं दक्षिण अफ्रीका ने 2022 में जोहान्सबर्ग में केएल राहुल के नेतृत्व वाली टीम इंडिया के खिलाफ 240 रनों का पीछा कर जीत दर्ज की।