आम आदमी द्वारा किसी एक खेल को ढंग से खेल पाना मुश्किल होता है जबकि दुनिया में 5 ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने क्रिकेट के लिए अलावा अन्य खेलों में नाम कमाया है। आइये जानते हैं कौन हैं 5 क्रिकेटर-
1- सर विवियन रिचर्डसन
अपने समय में खतरनाक बल्लेबाज़ रहे कैरेबियन क्रिकेटर रिचर्डसन ने क्रिकेट खेलने से पहले फूटबाल में अपने देश एंटीगुआ और बरमूडा के लिए फूटबाल विश्वकप के क्वालीफायर मैच खेले। लेकिन इन मैचों में उनकी टीम को बहुत ही बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।
जिसकी वजह से उन्हें यह खेल छोड़ना पड़ा और क्रिकेट को अपनाना पड़ा। फुटबॉल में 1974 विश्व कप के लिए क्वालीफायर में रिचर्डसन ने एंटीगुआ और बारबुडा का प्रतिनिधित्व किया।
क्रिकेट में आने के बाद उनकी वेस्टइंडीज की टीम ने 1975 और 1979 में दो विश्व कप जीते, जिसमें विव रिचर्ड्स का अहम योगदान रहा। उन्होंने 1979 के विश्व कप के फाइनल में लॉर्ड्स में शानदार शतक मारा था। अधिकांश क्रिकेटरों के लिए यह एक सपना था।
2- सर इयान बॉथम
इंग्लैंड के शानदार क्रिकेट आलराउंडर रहे सर इयान बॉथम अपने करियर के शुरूआती दिनों में फूटबाल खेला करते थे। वह 1978 से 1985 तक सेंटर-हाफ के रूप में येविल यूनाइटेड और स्कन्थोर्प यूनाइटेड के लिए खेले।
बॉथम ने अपने करियर में केवल 11 बार फुटबॉल की जर्सी क्लब टीम की तरफ से पहनी। इयान बॉथम ने इसके बाद क्रिकेट खेलना शुरू किया और वह इंग्लैंड के लिए 500 विकेट के साथ 7000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले एक शानदार ऑलराउंडर हैं।
हालाँकि, फुटबॉल के लिए उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ। साल 2017 में सर इयान बॉथम को स्कन्थोर्प यूनाइटेड FC के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
3- जोंटी रोड्स
दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर और आधुनिक क्रिकेट में फील्डिंग में क्रांति लाने वाले जोंटी रोड्स ने शुरू में क्रिकेट में आने से पहले हॉकी खेला करते थे। 1992 में दक्षिण अफ्रीका की टीम में बार्सिलोना ओलंपिक के लिए रोड्स को चुना गया था। हालांकि, टीम टूर्नामेंट में जाने के लिए योग्य नहीं थी। बाद में जोंटी ने डरबन के प्रतिष्ठित किंग्समीड मैदान पर भारत के खिलाफ उसी वर्ष में अपना टेस्ट डेब्यू किया, जिसमें क्रमशः पहली और दूसरी पारी में 41 रन और 26 रन बनाए।
इसके बाद 1996 के ओलंपिक में फिर से खेलने के लिए ट्रायल के लिए रोड्स को बुलाया गया, लेकिन हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण वह ट्रायल नहीं दे सके।
4- एलिस पेरी
अंतराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में एलिस पेरी सचिन तेंदुलकर जैसा स्थान रखती है। वह निस्संदेह ऑस्ट्रेलिया के स्टार-स्टडेड लाइन-अप में सबसे मूल्यवान खिलाड़ी हैं। हालाँकि, उन्होंने महिला फुटबॉल में भी काफी नाम कमाया है।
पेरी ने 18 बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑस्ट्रेलिया फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया है।पेरी ने ऑस्ट्रेलियाई महिला फुटबॉल सेटअप के दो प्रमुख क्लब कैनबरा यूनाइटेड और सिडनी एफसी के लिए भी खेला है। अपने करियर में एक समय, वह दोनों खेलों की राष्ट्रीय टीम के बीच संघर्ष कर रही थी। बाद में उन्होंने क्रिकेट को फुल टाइम करियर के रूप में चुना
5- यजुवेंद्र चहल
भारत के कलाई के ऑफ स्पिनर यजुवेंद्र चहल ने क्रिकेट से पहले भारत के लिए शतरंज खेल चुके हैं। अपनी शुरूआती उम्र के दौरान शतरंज में भारत का प्रतिनिधित्व किया। एक पेशेवर के रूप में क्रिकेट में आने से पहले, चहल ने 1997 से 2003 तक शतरंज खेला।
2002 में चहल ने कोलकाता में राष्ट्रीय अंडर -11 चैम्पियनशिप जीती। अगले वर्ष उन्होंने शतरंज में ग्रीस के हल्कीडिकी में विश्व (अंडर -12) चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने एशियाई और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में एल्ताज सफारली जैसे आज के ग्रैंडमास्टर्स के खिलाफ खेला।
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युजवेंद्र चहल के पास अभी भी अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ की वेबसाइट पर 1956 की एलो रेटिंग है जो काफी उल्लेखनीय है, क्योंकि उन्होंने लंबे समय तक प्रतिस्पर्धी शतरंज नहीं खेला है।