'खेलोंगे-कूदोगे बनोगे ख़राब और पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब' यह कहावत शायद अब उल्टी साबित हो रही है। क्योंकि अब जो लोग खेल खेलते है वे न केवल देश का नाम रोशन करते है बल्कि उन्हें सरकार नौकरी भी देती है और वहीं जो पढ़ाई करते है वे अपनी आधी जिंदगी नौकरी की भर्ती का इंजतार करते हुए निकाल देते है।
हाल ही में भारत की स्टार धाविका हिमा दास को शुक्रवार को असम का डीएसपी बनाया गया। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से दी। हिमा की यह उपलब्धि लाखो भारतीय लड़कियों के लिए एक प्रेरणा होगी. आइये इस बारें में विस्तार से जानते है।
बीते शुक्रवार (26 फ़रवरी 2021) को धाविका हिमा दास का बचपन का सपना सच हो गया जब उन्हें असम का डीएसपी बनाया गया। एक कार्यक्रम के दौरान असम के मुख्यमंत्री ने उन्हें नियुक्ति पत्र (अपोइन्टमेंट लेटर) सौंपा। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर समेत प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
Welcome Aboard!
— Assam Police (@assampolice) February 26, 2021
Heartiest Congratulations to @HimaDas8 and all 597 newly selected Sub Inspectors of Assam Police.
Together, we'll write a new saga of people friendly policing in the State, to serve the citizens of Assam.@CMOfficeAssam @DGPAssamPolice#SIsRecruitment pic.twitter.com/KBeFUGHLuW
हिमा की उम्र मात्र 21 साल है लेकिन अपने खेल के दम पर वह बहुत ही कम उम्र में डीएसपी बन गयी। हिमा दास ने अपनी 12वीं 2019 में पास की।
बचपन का था पुलिस अफसर बनने का सपना
— Hima (mon jai) (@HimaDas8) February 26, 2021
इस मौके पर हिमा दास ने बताया कि उनका बचपन का सपना था कि वह एक दिन पुलिस अधिकारी बने। उनकी माँ भी चाहती थी कि बड़ी होकर वह पुलिस बनकर समाज के लोगों की सेवा करें। उन्होंने आगे बताया कि उनकी माँ दुर्गा पूजा के दौरान उन्हें खिलौने की बन्दूक दिलाती थी। माँ तब कहती थी कि मै असम पुलिस में अफसर बनू और एक अच्छी इंसान बनू।
खेलना जारी रखेंगी हिमा
यह सम्मान पाने के बाद हिमा ने कहा कि वह आगे भी खेलना जारी रखेगी और देश तथा प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ भी मिला है वह सब उनके खेल की वजह से ही मिला है इसलिए वह खेल में और ज्यादा अच्छा करने की कोशिश करती रहेंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह असम को हरियाणा जैसा विकसित प्रदेश बनायेंगी। जिस तरह से हरियाणा से एथलीट निकल देश का नाम रोशन करते है उसी तरह से मै भी देश का नाम रोशन करुँगी।
हिमा दास की उपलब्धियाँ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसान परिवार की बेटी हिमा दास ने एशियाई खेलों में दौड़ प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है। यही नहीं वह जूनियर विश्व चैम्पियन (अंडर 20) भी रह चुकी है।
हिमा 100 m, 200 m और 400 m की दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेती है।
2018 के जकार्ता एशियन गेम्स में वह महिलाओं की 4 × 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीत चुकी है।
वहीं इसी टूर्नामेंट में वह मिक्स्ड 4 × 400 मी में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी है।
इसके अलावा 400 मी में वह एशियन गेम्स में रजत पदक जीत चुकी है। 2018 विश्व अंडर 20 चैपियनशिप में वह स्वर्ण पदक जीत चुकी है।
हिमा 2019 में उस समय में चर्चा में आयी जब उन्होंने 20 दिन के अन्दर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर 6 स्वर्ण पदक जीता।
हिमा दास को राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
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हिमा दास का शुरूआती जीवन
हिमा दास ने पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय से की है। अपने स्कूली दिनों में वह लड़कों के साथ फुटबाल खेला करती थी। वह फुटबाल में अपना करियर बनाना चाहती थी। हालांकि बाद में उन्होंने भारत में महिलाओं के फ़ुटबाल में कोई ख़ास मौका नज़र नहीं आया। इसके बाद उन्होंने दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू कर दिया।