हम सबने कभी न कभी सुनते आये होंगे कि सचिन तेंदुलकर भारत की तरफ से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं। लेकिन पिछले साल 24 सितंबर को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की क्रिकेटर शेफाली शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू करके सचिन का रिकॉर्ड तोड़ किया।
15 साल 239 दिन की शैफाली वर्मा ने डेब्यू करके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं। इस तरह से सबसे कम उम्र डेब्यू करने का रिकॉर्ड शेफाली के नाम नहीं है।
सभी प्रारूपों में भारत के लिए सबसे कम उम्र में डेब्यू करने का रिकॉर्ड भी एक महिला क्रिकेटर के पास हैं। वह महिला क्रिकेटर हैं - गार्गी बनर्जी। गार्गी बनर्जी ने 14 साल और 165 दिन की उम्र में 1978 में अपना पहला मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप के दौरान खेला था। यह महिलाओं का दूसरा विश्व कप था।
जुलाई 1963 में कोलकाता में जन्मी गार्गी बनर्जी बचपन से खेल के प्रति उत्साहित रही और युवा महिला क्रिश्चियन एसोसिएशन (YWCA) में फुटबॉल, बास्केटबॉल और बैडमिंटन खेलते हुए बड़ी हुई। उस समय बंगाल में महिला क्रिकेट पॉपुलर हो रहा था इसलिए उन्होंने क्रिकेटर बनने का फैसला किया। गार्गी एक बल्लेबाज़ थी।
उन्होंने अपने डेब्यू से पहले अपने पिता को खो दिया। बनर्जी ने हालांकि उस समय क्षेत्रीय स्तर के घरेलू टूर्नामेंटों में कोई शतक नहीं बनाया था। चयनकर्ता उनके खेल से प्रभावित थे। इसलिए उन्हें 1978 में विश्व कप के लिए टीम में जगह दी गयी। इस तरह से बनर्जी ने 15 साल की उम्र से पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कर कर लिया था।
डेब्यू के छह साल बाद वह ऑस्ट्रेलिया में 1984 में भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलने गई थी। जहाँ उन्होंने दूसरी पारी में अर्धशतक बनाया था उन्होंने उस दौर में महिला क्रिकेट के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया, जिसमें डायना एडुल्जी, शांता रंगास्वामी, और शुभांगी कुलकर्णी शामिल हैं।
गार्गी बनर्जी ने भारत के लिए 26 वनडे और 12 टेस्ट मैच खेले। 12 टेस्ट में, उन्होंने 614 रन बनाये। जिसमें 75 उनका हाइएस्ट स्कोर था। इस दौरान उन्होंने 6 बार अर्धशतक लगाए। एकदिवसीय मैचों में उन्होंने कुल 409 रन बनाए, जिसमें 61 का उच्चतम स्कोर था।
बनर्जी को 1986 में भारत के इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया था - जहाँ उन्होंने ब्लैकपूल टेस्ट में 60 और 75 रन बनाए थे। वह मीडियम पेसर गेंदबाज भी थीं और एक बार टेस्ट पारी में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ कटक में 9 रन देकर 6 विकेट की असाधारण गेंदबाजी की थी।
उनकी बल्लेबाजी से प्रभावित होकर दिवंगत माधवराव सिंधिया ने उन्हें क्रिकेट के मैदान में नौकरी देने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में भारतीय क्रिकेट के साथ जुड़कर भारत में महिलाओं के क्रिकेट के बार को बढ़ाने में मदद की।
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम चयन समिति (2011-2014) की चेयरपर्सन के रूप में, उन्होंने कई नयी महिला क्रिकेटरों को मौका दिया। गार्गी को अप्रैल 2017 में, मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) की प्रतिष्ठित मानद लाइफटाइम सदस्यता से सम्मानित किया गया।