चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के अपने पहले ही मैच में बांग्लादेश को भारत के हाथो हार का सामना करना पड़ा है। जब बांग्लादेश की टीम भारत खेलने उतरी तो उनके खिलाड़ियों की लिस्ट देखकर लोग हैरान थे कि उनके दो स्टार खिलाड़ी चैम्पियन्स ट्राफी की टीम में नहीं थे। जी हाँ, हम बात कर रहे है लिटन दास और शाकिब हल हसन की। आइये जानते हैं कि दोनों किस कारण से बांग्लादेश की चैम्पियंस ट्राफी में जगह नही बना पाए।
शाकिब हल हसन क्यों चैम्पियंस ट्राफी नही खेल रहे हैं?
शाकिब अल हसन को उपलब्ध होने के बावजूद बांग्लादेश की चैम्पियंस ट्राफी में इसलिए नहीं चुना गया क्योंकि उन्हें अवैध गेंदबाजी एक्शन के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करने से निलंबित कर दिया गया था। शाकिब को पहली बार पिछले साल काउंटी क्रिकेट में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए रिपोर्ट किया गया था, जिसके बाद वे अपने गेंदबाजी एक्शन के दो टेस्ट में विफल रहे। टेस्ट में फेल होने का मतलब था कि वह चैंपियंस ट्रॉफी में गेंदबाजी नही कर पाएंगे।
प्रतिबन्ध के बाद भी शाकिब बल्लेबाज के रूप में खेल सकते थे, लेकिन बांग्लादेश के चयनकर्ताओं ने अनुभवी ऑलराउंडर को नजरअंदाज करने का फैसला किया। पिछले दो साल में शाकिब हल हसन अपनी राजनीतिक भागीदारी और विवादों के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं। शाकिब ने भारत के खिलाफ ख़त्म हुई टेस्ट सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया है।
लिटन दास चैंपियंस ट्रॉफी क्यों नहीं खेल रहे हैं?
शाकिब की तरह लिटन को भी टीम से बाहर कर दिया गया। उन्हें मुख्य रूप से 50 ओवर के फार्मेट में उनके प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया। लिटन का कुल वनडे रिकॉर्ड 30.22 की औसत से 2,569 रन है। उन्होंने पिछली 7 वनडे पारियों में अपना उच्चतम स्कोर 6 है। इन 7 पारियों में वह तीन बार 0 पर आउट हुए है।
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बांग्लादेश के मुख्य चयनकर्ता गाजी अशरफ हुसैन ने टीम का ऐलान करते हुए लिटन दास को बाहर करने का कारण बताते हुए कहा, "लिटन आउट ऑफ़ फार्म है। वह एक तरह के पैटर्न से आउट हो रहे हैं। वह व्हाइट-बॉल फार्मेट में पावरप्ले का लाभ उठाने में नाकाम रहे हैं। वह क्रीज पर टिक नही पा रहे हैं। उनकी पोल खुल रही है। विपक्षी टीम के एनालिस्ट लिटन के खिलाफ बहुत सफल हो रहे हैं। हमने उन्हें मौके दिए लेकिन अब उन पर ज्यादा भरोसा नहीं रह गया है। हमने लिटन के पिछले प्रदर्शनों, खासकर उनके हाल के प्रदर्शन पर विचार किया है। लिटन के बारे में आश्वस्त होना तब मुश्किल हो गया था जब वह वेस्टइंडीज में रन नहीं बना सके, वेस्टइंडीज में बाकी बल्लेबाजों ने हमें बड़े स्कोर तक पहुंचाया था।"