पोंटिंग को भारतीय टीम का कोच बनने का दिया गया था ऑफर, इस वजह से ठुकराया

रिकी पोंटिंग द्वारा भारतीय टीम का कोच बनने का ऑफर ठुकराए जाने का कारण, जानें-

why did rikcy ponting refuse to coach team india

क्रिकेट टीम इंडिया का कोच कौन पूर्व खिलाड़ी नहीं बनना चाहेगा ? बीसीसीआई इतना अमीर है कि अगर कोई टीम इंडिया की कोचिंग करे उसे पैसे तो बढ़िया मिलेंगे ही साथ ही साथ नाम और भी मिलेगा। वैसे तो कई बड़े विदेशी खिलाड़ी भारतीय टीम का कोच बनने की चाहत रखते है। लेकिन भारतीय टीम पिछले कई सालों से भारतीय पूर्व खिलाड़ियों द्वारा ही कोचिंग ले रही है। जहाँ रवि शास्त्री ने 5 साल तक भारतीय टीम के कोच रहे तो वहीं अब राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कोच बनाए गए है। 

रवि शास्त्री के बाद कोच के लिए बीसीसीआई द्रविड़ पहली पसंद नहीं थे

भले ही इस समय राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच बन गए है लेकिन राहुल द्रविड़ का कोच बनने का पहले कोई इरादा नहीं था। वह बैंगलोर में एनसीए के अध्यक्ष थे। बीसीसीआई भी द्रविड़ को कोच बनने के लिए ज्यादा दबाव नहीं डाला। हालांकि बाद में द्रविड़ ने कोच बनना स्वीकार किया।

इसके बाद बीसीसीआई ने कोच के लिए आवेदन मांगे। वहीं अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने बताया है कि उन्हें भी भारतीय टीम का कोच बनने का ऑफर आया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। आइये जानते है कि इस ऑफर को ठुकराने के पीछे मुख्य कारण क्या था-

Ricky Ponting

पोंटिंग को भारतीय टीम का कोच बनने का दिया गया था ऑफर 

आपकी जानकारी के लिय बता दें कि रिकी पोंटिंग आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स की कोचिंग करते हैं और उनकी कोचिंग में पिछले दो साल दिल्ली की टीम प्लेऑफ़ में पहुंची। 2020 में तो दिल्ली फ़ाइनल में भी पहुंची थी। पोंटिंग के इसी तजुर्बे को देखते हुए बीसीसीआई उन्हें कोच बनने का ऑफर दिया था। 

पोंटिंग ने भारतीय टीम का कोच न बनने का बताया कारण 

वैसे तो रिकी पोंटिंग भारतीय टीम का कोच बनना चाहते थे लेकिन वह पारिवारिक कारणों की वजह से ऐसा करने में असमर्थ थे। पोंटिंग ने कहा "मेरे बच्चे अभी बहुत छोटे हैं और मैं चाह्ता हूँ कि मै उनके साथ ज्यादा समय बिताऊ। इसलिए मैंने भारतीय टीम का कोच बनने से इनकार कर दिया।"

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पोंटिंग के 3 बच्चे हैं जिसमे से दो बेटी और एक बेटा है। बच्चे अभी 10 से 12 साल के है। इसलिए पोंटिंग नहीं चाहते है कि वह इतनी कम उम्र में अपने बच्चो को छोड़कर किसी दूसरे देश में रहे। पोंटिंग जब दिल्ली कैपिटल्स की कोचिंग करते हैं तो उन्हें साल में डेढ़ या दो महीने ही घर से दूर रहना पड़ता है इसलिए वह आईपीएल में कोचिंग के ऑफर को स्वीकार कर लेते है। लेकिन भारतीय टीम में उन्हें पूरे साल घर से दूर रहना पड़ता इसलिए उन्होंने कोच बनने का ऑफर ठुकरा दिया। 

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गौरतलब है कि किसी भी टीम का कोच बनने के बाद परिवार को छोड़कर उस टीम के साथ रहना पड़ता है। कभी-कभी परिवार से 6-6 महीने दूर रहना पड़ता है। कोविड के इस समय में तो परिवार से दूर रहना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए बहुत सारे विदेशी खिलाड़ी भारतीय टीम का कोच बनने से इनकार कर देते हैं क्योंकि उन्हें अपना देश छोड़कर भारत रहना पड़ेगा।