सूरज उगाना जितना कठिन, लॉर्ड्स में इतिहास बनाना उतना ही मुश्किल केएल राहुल ने वहां दो बार इतिहास दोहराया

लॉर्ड्स में जहां इतिहास झुकता है, केएल राहुल ने वहां दो बार इतिहास झुकाया है

क्रिकेट की दुनिया में लॉर्ड्स का मैदान सिर्फ एक स्टेडियम नहीं बल्कि क्रिकेट का घर माना जाता है। हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह इस ऐतिहासिक मैदान में शतक लगाकर अपना नाम उस प्रतिष्ठित लॉर्ड्स ऑनर बोर्ड पर दर्ज कराए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, सुनील गावस्कर, ब्रायन लारा, एबी डिविलियर्स, वीरेंद्र सहवाग, सनथ जयसूर्या, मैथ्यू हेडन, डेविड वॉर्नर और यूनिस खान जैसे क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ भी इस सूची में अपनी जगह नहीं बना पाए हैं?

यह आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े नामों के बावजूद उनका नाम लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड पर दर्ज नहीं हो सका। और वहीं दूसरी ओर भारत के स्टाइलिश बल्लेबाज़ केएल राहुल ने इस गौरव को दो बार हासिल कर लिया है और वह भी इंग्लैंड के खिलाफ।

पहली ऐतिहासिक पारी 2021 लॉर्ड्स टेस्ट:

2021 में जब भारत ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड का सामना किया तो केएल राहुल ने कठिन हालात में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 129 रनों की बेहतरीन पारी खेली। 

 दूसरी ऐतिहासिक पारी 2025 लॉर्ड्स टेस्ट:

2025 में एक बार फिर राहुल ने लॉर्ड्स को अपना मैदान साबित किया। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के सामने जब विकेट गिरते जा रहे थे राहुल ने एक छोर से मोर्चा संभाला और 100 रनों की ठोस पारी खेली। 

 जब दिग्गज चूक गए...

लॉर्ड्स पर शतक बनाना जितना गौरव की बात है उतना ही यह चुनौतीपूर्ण भी है। यहाँ शतक लगाना गेंदबाज़ों के स्वर्ग में सूरज उगाने जैसा है। यही वजह है कि:

सचिन तेंदुलकर, जिनके नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं लॉर्ड्स में टेस्ट शतक नहीं बना सके।

विराट कोहली आधुनिक युग के सबसे सफल बल्लेबाजों में शुमार लॉर्ड्स में अब तक खाता नहीं खोल पाए।

लारा, सहवाग, एबी डिविलियर्स, गिलक्रिस्ट, जयसूर्या जैसे कई धुरंधरों की यहां कोई उपलब्धि नहीं है।

KL राहुल का नाम सुनहरे अक्षरों में

केएल राहुल का लॉर्ड्स में दो बार शतक जड़ना दिखाता है कि जब मंच बड़ा होता है तो राहुल और भी निखरकर सामने आते हैं। तकनीक धैर्य और क्लास के मिश्रण से राहुल ने वह कर दिखाया है जो कई महान बल्लेबाज नहीं कर पाए।

जहां क्रिकेट के दिग्गज लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड से दूर रह गए वहीं केएल राहुल ने दो बार वहां अपना नाम दर्ज कर यह साबित कर दिया कि वे विशेष अवसरों के खिलाड़ी हैं। उनके ये दो शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में खास जगह रखते हैं और लॉर्ड्स की दीवारों पर उनकी चमकता हुआ नाम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी।