वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट में जो बल्लेबाज तेजी से रन बनाते हैं उन्हें ही टीम में रखा जाता है। टी20 क्रिकेट आने से पहले वनडे क्रिकेट ही सबसे रोमांचकारी क्रिकेट माना जाता है। इस फार्मेट में बल्लेबाज़ को संयम और आक्रामक दोनों रणनीति आपनानी होती है। यही वजह इसे सबसे रोमांचकारी क्रिकेट का फार्मेट बनाती है।
जो भी क्रिकेट खिलाडी इस फार्मेट को खेलता है तो वह कभी न कभी अपने करियर में जरूर छक्के जड़ता है। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे खिलाडियों के बारें में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने पूरे वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं जड़ा। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
एकदिवसीय क्रिकेट के विशाल इतिहास में, ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने करियर में 100 से अधिक छक्के मारे हैं, हालाँकि, कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जो अपने करियर में एक भी छक्का लगाने में असफल रहे।
यहाँ हम 5 ऐसे खिलाड़ियों के बारें में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने अपने करियर में कभी भी छक्का नहीं मार पाए है।
1- जेफ्री बॉयकॉट (इंग्लैंड)
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ्री बॉयकॉट इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। हालाँकि बॉयकॉट ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, लेकिन उन्होंने 36 एकदिवसीय मैच ही खेल पाए और अपने एकदिवसीय करियर में वह 1000 से अधिक रन बनाए और एक शतक और नौ अर्धशतक लगाए।
हालांकि, उन्होंने सिर्फ 53.56 की काफी कम स्ट्राइक रेट से वनडे करियर में रन बनाये, जो यह समझाने के लिए काफी है कि बॉयकॉट हिटर नहीं थे। यही कारण है कि वह अपने वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं मार पाए।
2- थिलन समरवीरा (श्रीलंका)
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं थिलन समरवीरा। कोलंबो में जन्मे समरवीरा ने श्रीलंका के लिए 81 टेस्ट खेले और 49 के करीब के औसत से 5000 से अधिक रन बनाए। फिर भी महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा और निश्चित रूप से जयसूर्या, समरवीरा की रोशनी में कभी भी उस तरह का लाइमलाइट हासिल नहीं किया, जिसके वे हकदार थे।
हालाँकि, जब यह सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट की बात आती है, तो मूल रूप से एकदिवसीय प्रारूप में, समरवीरा इस तरह की सफलता हासिल नहीं कर सके जिस तरह से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में नाम कमाया। उन्होंने 53 एकदिवसीय मैच खेले, और सिर्फ 27.80 के औसत के साथ केवल 862 रन बना सके। उनके वनडे करियर में एक भी छक्का शामिल नहीं था।
3- मनोज प्रभाकर (भारत)
मनोज प्रभाकर भारत के एक ऑलराउंडर थे। गाजियाबाद में जन्मे इस क्रिकेटर ने भारतीय टीम के लिए 39 टेस्ट खेले, जहाँ उन्होंने 33 के औसत से 1600 रन बनाए।
जब एकदिवसीय मैचों की बात आती है, तो प्रभाकर ने 130 वनडे मैचों में भाग लिया और दो शतक और 11 अर्धशतक के साथ 1858 रन बनाए। इन सबके बावजूद वह अपने वनडे करियर में गेंद को बॉउंड्री के पार उड़ाते हुए नहीं भेज पाए।
4- डायोन इब्राहिम (जिम्बाब्वे)
जिम्बाब्वे के पूर्व बल्लेबाज डयन अब्राहिम ने जिम्बाम्वे के लिए 82 एकदिवसीय मैच खेले और 20 की औसत से 1443 रन बनाए, जिसमें एक शतक और चार अर्द्धशतक शामिल हैं। तुलावायो में जन्मे इस बल्लेबाज ने अपने एकदिवसीय करियर में 100 से अधिक चौके जमाए लेकिन कभी भी छक्का नहीं मार पाए।
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5- कैलम फर्ग्यूसन (ऑस्ट्रेलिया)
कैलम फर्ग्यूसन ने 2009 में ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना वनडे डेब्यू किया जब वह 25 साल के थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कंगारुओं के लिए 30 वनडे मैच खेले। उनका आखिरी मैच नौ साल पहले 2011 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ था।
अपने इतने लंबे वनडे करियर के दौरान, फर्ग्यूसन ने 40 प्लस के औसत से 5 अर्धशतक के साथ 663 रन बनाए। वह निश्चित रूप से धीमी गति के बल्लेबाज नहीं थे क्योंकि उन्होंने 85 से अधिक स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। फर्ग्यूसन ने अपने वनडे करियर में 64 चौके लगाए, लेकिन इस दौरान वह एक भी छक्का नहीं लगा पाए।