टेस्ट क्रिकेट में वैसे तो बहुत रिकॉर्ड बने हैं जिन्हे तोड़ पाना मुश्किल भी होगा और आसान भी होगा। आज हम एक ऐसे रिकॉर्ड के बारें में बात करने जा रहें हैं जिसे जानकार आप उस बल्लेबाज़ की काबिलियत और संयम की दाद देंगे। यह रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में बना ही नहीं है।
टीम के लिए ओपनिंग करना और आखिरी विकेट के गिरने तक पारी को संभाले रखना वो भी एक टेस्ट क्रिकेट मैच में दो बार एक बल्लेबाज़ द्वारा करना बहुत ही कम देखा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में यह एक बार भी नहीं हुआ है लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 बल्लेबाज़ों ने ऐसा किया है। इन 10 बल्लेबाज़ों में एक ऐसा भी बल्लेबाज़ हैं जिसने यह कारनामा दो बार किया है।
यह कारनामा करने वाले खिलाड़ी का नाम है हेनरी जुप्प। हेनरी जुप्प एक इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप में यह अजीब रिकॉर्ड 2 बार हासिल किया है।
हेनरी ने दो प्रथम श्रेणी मैचों में 4 बार टीम की पारी की शुरुआत की और चारों पारियों में अंत तक बल्लेबाज़ी की। दोनों बार यह कारनामा 19 वीं शताब्दी से पहले हुआ और ऐसा करने वाले हेनरी जुप्प पहले और आखिरी व्यक्ति थे। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज थे। पहली बार उन्होंने यह कारनामा सरे की तरफ से खेलते हुए हैम्पशायर के खिलाफ 1866 काउंटी मैच के दौरान किया।
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सरे अपनी पहली पारी में केवल 110 रन पर आउट हो गयी और हेनरी जुप्प आखिरी विकेट के रूप में 31 रन पर आउट होने होने वाले खिलाड़ी थे। इसके बाद सरे को फॉलो आन खेलना पड़ा, क्योंकि ने पहले 208 रन बनाये थे।
जुप्प ने सरे के लिए फिर ओपनिंग की,और टीम के स्कोर को दूसरी पारी में 297 रन तक पहुँचाया। सलामी बल्लेबाज़ हेनरी जुप्प ने दूसरी पारी में नाबाद 94 रन बनाए । हैम्पशायर दूसरी पारी में केवल 140 रन ही बना पाया और 59 रनों से मैच हार गया।
हेनरी जूप्प ने दूसरी बार यह कारनामा यॉर्कशायर के खिलाफ 1874 काउंटी चैम्पियनशिप के दौरान किया। हेनरी ने क्रमशः दोनों पारियों में बल्लेबाजी की शुरुआत की और अंत तक खेला इस दौरान उन्होंने 43 * और 109 * रन बनाए। हालांकि उनकी टीम सरे यह मैच हार गयी।