महेंद्र सिंह धोनी भले ही क्रिकेट से दूर हैं लेकिन फिर भी चर्चा में बने हुए हैं। धोनी 2019 विश्वकप के बाद से ही टीम इंडिया के लिए नहीं खेल रहें हैं। हाल ही में वह IPL में चेन्नई टीम की कप्तानी के बारें में बात करते हुए कहा है कि वह 2020 आईपीएल में उपलब्ध रहेंगे।
धोनी ने भारत को 2011 में वर्ल्ड कप में जिताया था। उन्हें उम्मीद थी कि वह 2019 में भारत को वर्ल्ड कप जिताकर सन्यास लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसका धोनी को आज भी पछतावा है। धोनी ने पछतावा इस बात के लिए किया है कि वह जब सेमीफाइनल में रनआउट हुए।
धोनी ने कहा कि वह डाइव लगाकर क्रीज में पहुँच सकते थे लेकिन वह नहीं कर पाए जिसका उन्हें आज भी पछतावा है। धोनी ने यह बातें इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर और खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार के साथ बातचीत में कही।
धोनी ने मजूमदार से कहा, "मैं खुद से पूछता रहता हूं, कि मैंने डाइव क्यों नहीं लगायी? वो दो इंच मुझे कहते रहते हैं धोनी, आपको डाइव लगानी चाहिए थी।”
धोनी उस महत्वपूर्ण मैच में 50 रन पर आउट हो गए थे। रवींद्र जडेजा के साथ उनकी साझेदारी ने खेल को लगभग बदल दिया था।
गुप्टिल ने जैसे धोनी को ऑउट किया था फ़ाइनल में खुद हुए वैसे ऑउट
सेमीफाइनल में एमएस धोनी का रन आउट होना अभी भी प्रशंसकों और भारतीय क्रिकेटर को आहत करता है। हार्दिक पांड्या ने हाल ही में यह बताया था जब धोनी ऑउट हुए थे तो टीम को बहुत दुःख हुआ था। धोनी जब पवेलियन में वापस आ रहे थे तब न केवल धोनी आ रहे थे बल्कि भारत की उम्मीद भी वापस आ रही थी।
आपको बता दें कि न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ी मार्टिन गुप्टिल के सटीक थ्रो धोनी ऑउट हो गए थे। जिसके बाद न्यूज़ीलैंड यह मैच जीत गया। फाइनल में न्यूज़ीलैंड इंग्लैंड से भिड़ा। मैच सुपर ओवर तक खिंचा। सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर न्यूज़ीलैंड को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे।
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गुप्टिल विकेटकीपर की तरफ दौड़ रहे थे लेकिन बटलर ने उन्हें रनआउट कर दिया। लोगों ने कहा कि गुप्टिल ने धोनी को रन आउट किया था इसलिए वह भी इसी तरह फ़ाइनल में रनआउट हो गए न्यूज़ीलैंड को वर्ल्डकप नहीं जिता सके।