9 मार्च, 2025 को, भारत ने दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में न्यूज़ीलैंड पर चार विकेट से जीत के साथ अपना तीसरा ICC चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता। यह जीत 2013 के बाद से भारत की पहली चैंपियंस ट्रॉफी जीत थी, जिसने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) प्रारूप में उनके प्रभुत्व की पुष्टि की।
मैच का हाइलाइट
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया और भारत के सामने 252 रनों का लक्ष्य रखा। उनकी पारी की शुरुआत डेरिल मिशेल ने की, जिन्होंने 63 रन बनाए और माइकल ब्रेसवेल ने 53 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत के गेंदबाजों, खासकर स्पिनरों ने, चार कैच छोड़ने सहित फील्डिंग की चूक के बावजूद, न्यूज़ीलैंड की रन गति को प्रभावी ढंग से सीमित कर दिया।
जवाब में, भारत ने कप्तान रोहित शर्मा के 83 गेंदों पर 76 रनों की बदौलत 49 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया। श्रेयस अय्यर ने शुभमन गिल और विराट कोहली जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के आउट होने के बाद पारी को स्थिर करते हुए महत्वपूर्ण 48 रनों का योगदान दिया। केएल राहुल के नाबाद 34 रनों की बदौलत भारत ने एक ओवर शेष रहते ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
फाइनल तक का सफर
भारत के फाइनल तक के सफर में लगातार अच्छे प्रदर्शन की झलक देखने को मिली। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत बांग्लादेश पर जीत के साथ की, उसके बाद चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर जीत दर्ज की। न्यूजीलैंड पर जीत ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
न्यूजीलैंड की राह में टूर्नामेंट के पहले मैच में पाकिस्तान पर जीत और बांग्लादेश पर अहम जीत शामिल है। ग्रुप स्टेज में भारत से हारने के बावजूद, उन्होंने सेमीफाइनल में जगह पक्की की और दक्षिण अफ्रीका को 50 रनों से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
मुख्य प्रदर्शन
रोहित शर्मा: फाइनल में भारतीय कप्तान के 76 रन लक्ष्य का पीछा करने की नींव रखने में अहम रहे। पूरे टूर्नामेंट में उनका नेतृत्व भारत की सफलता में अहम रहा।
डेरिल मिशेल और माइकल ब्रेसवेल: न्यूजीलैंड के लिए प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने में उनके क्रमशः 63 और 53* रनों का योगदान अहम रहा।
केएल राहुल: उनकी शांत और संयमित 34* रनों की पारी ने सुनिश्चित किया कि भारत बिना किसी रुकावट के फिनिश लाइन पार कर जाए।
जीत का महत्व
यह जीत भारत के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसने चैंपियंस ट्रॉफी खिताब के लिए 12 साल के इंतजार को खत्म कर दिया, उनकी आखिरी जीत 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में हुई थी। इस जीत ने भारत की लचीलापन और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को भी दिखाया, खासकर आईसीसी फाइनल में न्यूजीलैंड से उनकी पिछली हार को देखते हुए।
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारत की जीत उनके लगातार प्रदर्शन, रणनीतिक कौशल और महत्वपूर्ण मैचों में मौके पर खड़े होने की क्षमता का प्रमाण थी। अनुभवी नेतृत्व और युवा उत्साह के मिश्रण ने इस ऐतिहासिक जीत का मार्ग प्रशस्त किया, जिसने भारत की क्रिकेट विरासत में एक और शानदार अध्या
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