अगर आप क्रिकेट फॉलो करते रहे हैं या क्रिकेट मैचों को देखते रहे हैं तो आपने कभी न कभी एक ऐसे टूर्नामेंट के बारे में जरूर सुना होगा जोकि टेस्ट, वनडे और टी20 से अलग है। यह क्रिकेट के अन्य फार्मेट से बिल्कुल अलग है। हम बात कर रहे हैं हांगकांग सिक्सेस के बारे में। आइये इस टूर्नामेंट के इतिहास, नियम और खेलने के तरीकों के बारे में
हांगकांग सिक्सेस का इतिहास
क्रिकेट के इस यूनीक फॉर्मेट की शुरुआत आज से करीब 33 साल पहले 1992 में हुई थी। इस फॉर्मेट की शुरुआत हॉन्गकॉन्ग क्रिकेट एसोसिएशन ने की थी। हालांकि बीच में इस टूर्नामेंट को ICC ने बैन भी कर दिया था लेकिन 2024 से इस टूर्नामेंट की फिर शुरुआत हो चुकी है।
पहला हॉन्गकॉन्ग सिक्सेस टूर्नामेंट 1992 में कोलून क्रिकेट क्लब में आयोजित हुआ था। पहला एडिशन पाकिस्तान ने जीता था। दरअसल पाकिस्तान इस टूर्नामेंट के फाइनल में सबसे ज्यादा पहुंचने वाला देश है। इस टूर्नामेंट को सबसे ज्यादा पाकिस्तान, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका ने 5-5 बार जीता है।
पाकिस्तान ने 1992, 1997, 2001, 2002, 2011 में इसे जीता है और 2003, 2006, 2010, 2012, 2017, 2024 में फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। भारत ने इस टूर्नामेंट को 2005 में इकलौती बार जीता था। श्रीलंका ने दो बार और वेस्टइंडीज तथा ऑस्ट्रेलिया ने एक-एक बार इस टूर्नामेंट को जीता है।
हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट का नियम
इस टूर्नामेंट में 10 से 12 टीमे हिस्सा लेती है। प्रत्येक टीम से 6 खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं। जिसमे एक विकेटकीपर होता है और बाकी चार फील्डर होते हैं। और एक गेंदबाज होता है।
विकेटकीपर को छोड़कर हर एक खिलाड़ी को एक-एक ओवर करना होता है। वाइड और नोबॉल होने पर दो रन मिलता है। नो बॉल के लिए फ्री हिट नहीं होती है। यानी इसमें एक पारी 5 ओवर की होती है।
जब कोई बल्लेबाज 31 रन पर पहुँच जाता है तो उसे रिटायर आउट होना होता है। वह वापस बैटिंग करने के लिए आ सकता है जब टीम में अन्य बल्लेबाज आउट हो जाएं।
अगर 5 बल्लेबाज 5 ओवर पूरा होने से पहले ही आउट हो जाते हैं तो आखिरी नॉट आउट बल्लेबाज अकेले बैटिंग कर सकता है बस उसका आखिरी आउट हुआ बल्लेबाज नॉनस्ट्राइकर एंड पर रहेगा और एक रनर की भूमिका निभाएगा। लेकिन नियम यह है कि बल्लेबाज करने वाले बल्लेबाज को अपने पास ही स्ट्राइक रखनी होगी।
अगर आखिरी बल्लेबाज आउट हो जाता है तो पारी ख़त्म हो जाती है।
इस टूर्नामेंट में चार ग्रुप होते हैं। ग्रुप स्टेज में सभी टीमे से एक दूसरे के खिलाफ एक-एक बार खेलती हैं। ग्रुप में जो टीमें टॉप 2 में रहती है वे क्वार्टर फाइनल में पहुँच जाती है।
इसके बाद क्वार्टर फाइनल का विजेता सेमीफाइनल और फिर उसके विजेता फाइनल खेलते हैं। जो टीम क्वार्टर फाइनल में हार जाती है वे प्लेट सेमी फाइनल खेलती है। हर ग्रुप में निचले दो पायदान पर रहने वाली टीम बॉल कम्पटीशन करती हैं।
2025 के हॉन्गकॉन्ग सिक्सेस में भारत की कप्तानी दिनेश कार्तिक कर रहे हैं। उनके अलावा स्टुअर्ट बिन्नी, अभिमन्यु मिथुन, शाहबाज नदीम, प्रियांक पांचाल, रॉबिन उथप्पा और भरत चिपली भारतीय टीम की तरफ से हैं।
भारत को ग्रुप C में रखा गया है और वह अपने अभियान की शुरुआत 7 नवंबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा। वह अपना दूसरा मैच 8 नवंबर को कुवैत के खिलाफ खेलेगा।
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इस टूर्नामेंट में रवि आश्विन भी हिस्सा लेने वाले थे लेकिन चोट के चलते उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा।
वहीं पाकिस्तान के इस टूर्नामेंट में कप्तान अब्बास अफरीदी, इंग्लैंड के जोए डेनली, ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स रॉस, साउथ अफ्रीका के जॉर्डन मॉरिस, अफगानिस्तान के गुलबदीन नईब हैं।





