Interesting facts about cricket: क्रिकेट में आपने दो भाइयों को साथ में खेलते हुए देखा होगा या शिवनारायण चंद्रपाल या उनके बेटे तेगनारायण चंद्रपाल के साथ में खेलने की ख़बर सुनी होगी। लेकिन अगर हम आपको बताएं कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में वो भी टेस्ट क्रिकेट में एक भतीजे ने अपने चाचा को टेस्ट कैप दी है तो जरूर आप इस बारे में जानना चाहेंगे।
क्रिकेट में कई भाई-बहन की जोड़ियों को एक ही टीम के लिए खेलते या एक-दूसरे के खिलाफ जाते देखा गया है। हालाँकि, एक बल्लेबाज और उसके चाचा को, जिनके बीच 13 साल का अंतर था, एक साथ एक वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना एक दुर्लभ दृश्य था। तो आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
22 साल के भतीजे ने 35 साल के चाचा को दी डेब्यू टेस्ट कैप
यह वाकया हुआ है अफगानिस्तान टेस्ट क्रिकेट टीम के साथ। दरअसल इब्राहिम जादरान और नूर अली जादरान चाचा- भतीजे हैं। भतीजे इब्राहिम ने अफगानिस्तान के लिए 5 टेस्ट मैच खेला है। वहीं चाचा नूर अली जादरान ने श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया।
डेब्यू के दौरान इब्राहिम जादरान ने अपने चाचा को इस दौरान टेस्ट कैप दी। बता दें कि भतीजे इब्राहिम जादरान की उम्र 22 साल और चाचा नूर अली जादरान की उम्र 35 साल है।
2 फरवरी 2024 को कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ मैच से पहले इब्राहिम अली जादरान ने अपने चाचा नूर अली जादरान, जो 35 साल के हैं, को अपनी पहली कैप भेंट की। इसके बाद इस जोड़ी ने अफगानिस्तान की दूसरी पारी में 106 रनों की शुरुआती साझेदारी भी की।
अफगानिस्तान के साथ ऐसा और भी हो चुका है
टेस्ट में एक और ऐसा उदाहरण है जहां पर चाचा भतीजे ने साथ में टेस्ट मैच खेला है। दरअसल मार्च 2019 में भारत के देहरादून में अफगानिस्तान और आयरलैंड के बीच एक टेस्ट मैच हुआ तथा। इस मैच में असगर अफगान कप्तान थे। ऐसा कहा जाता है कि असगर अफ़गान के भतीजे वकार सलामखिल भी इस मैच में खेले थे।
पीढ़ियों का एक साथ खेलना अन्य स्तरों पर भी काफी दुर्लभ है - हालाँकि जैसा कि होता है, पिछले अंग्रेजी घरेलू सीज़न के दौरान कुछ मौके आए थे जब इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज जो डेनली को उनके भतीजे जेडन डेनली ने केंट टीम में शामिल किया था।
अपने डेब्यू टेस्ट मैच में कप्तानी करने का कारनामा
बाएं हाथ के साउथ अफ्रीका के नील ब्रांड माउंट माउंगानुई में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कप्तानी की। यह उनका पहला मैच था। पिछली आधी सदी (टीमों के डेब्यू टेस्ट को छोड़कर) में ऐसा एकमात्र अन्य उदाहरण 1995 में था, जब ली जर्मेन ने अपने पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड की कप्तानी की थी। उन्होंने भारत के खिलाफ बेंगलुरु में यह रिकॉर्ड बनाया था।