ऐसा टेस्ट मैच जो 9 दिन तक चला, फिर भी रिजल्ट नहीं निकला, जाने Intl क्रिकेट में यह कैसे हुआ

The last timeless Test, a test match which lasted for the 9 days, know details

The last timeless Test, a test match which lasted for the 9 days, know details, cricket facts in Hindi

क्रिकेट में 3 फॉर्मेट होते हैं और टेस्ट फॉर्मेट क्रिकेट का सबसे अच्छा और बेहतर फ़ॉर्मेट माना जाता है। जैसा कि सभी जानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट 5 दिन चलता है। कभी-कभी 5 दिन खेलने के बाद भी मैच का रिजल्ट नहीं निकलता है और मैच ड्रा हो जाता है। हालांकि आज कल के जमाने में बहुत ही कम टेस्ट मैच ड्रा होते हैं लेकिन हाल ही में कई ऐतिहासिक टेस्ट मैच ड्रा हुए।

वहीं अगर आपको कोई कहे कि क्रिकेट के इतिहास में एक टेस्ट मैच 9 दिन खेला गया तो आप इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन ऐसा हुआ है। आइये जानते हैं कब और कहाँ, पर किस वजह से टेस्ट क्रिकेट का मैच 9 दिन तक चला। 

9 दिन चला टेस्ट मैच 

वैसे तो टेस्ट मैच 5 दिन का होता है। वही अब वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए एक रिज़र्व डे रखा जाता है। लेकिन कोई टेस्ट मैच 9 दिन तक चला हो यह थोड़ा कम हज़म करने वाली बात है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा हुआ है जब एक टेस्ट मैच 9 दिन तक चला। रोचक बात यह रही कि 9 दिन इस टेस्ट मैच को खेलने के बाद भी इस मैच का रिजल्ट नहीं निकला। 

साउथ अफ्रीका और इंग्लैण्ड के बीच खेला गया 9 दिन का टेस्ट मैच 

 

 

बात सन्न द्वितीय विश्व युद्ध के पहले की है। तब साउथ अफ्रीका ईस्ट अफ्रीका के नाम से खेला करती थी। तब इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच 1939 में डरबन के मैदान पर टेस्ट मैच हुआ। इस मैच के नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड का नाम भी है। इस टेस्ट मैच को 'टाइमलेस टेस्ट' कहा जाता है। वैसे तो टेस्ट क्रिकेट में 5 दिन से ज्यादा खेलने की अनुमति नहीं दी जाती  है फिर ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से टेस्ट मैच 9 दिन तक चला। 

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यह मैच 3 मार्च से शुरू होकर 14 मार्च तक चला। इसमें 5 मार्च और 12 मार्च को आराम करने का दिन था। 11 मार्च के दिन बारिश की वजह से मैच नहीं हो पाया था।  इस मैच में 43 घंटे 16 मिनट तक का खेल हुआ था। जिसमे  1,981 रन बने और  5,447 गेंद फेंकी गयी। 

सबसे ज्यादा दिन चलने वाले टेस्ट मैच का लेखा-जोखा 

साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। साउथ अफ्रीका की टीम ने पहली पारी में 530 रन बनाए, जिसमें पीटर वैन डेर बिजल (125) और डुडले नोर्स (103) शीर्ष स्कोरर रहे। इंग्लैंड के रेग पर्क्स ने पांच विकेट लिए।

 

इसके बाद इंग्लैंड अपनी पहली पारी खेलने आया और पूरी टीम 316 रनों पर आलआउट हो गयी। पहली पारी में साउथ अफ्रीका को 214 रनों की लीड मिली। दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका की टीम ने 481 रन बनाये। इन्ग्लैंड को यह मैच जीतने के लिए 696 रन चाहिए थे। इंग्लैण्ड इस लक्ष्य का पीछा करते हुए 6 दिन तक बैटिंग की। इन 6 दिनों में दो दिन कोई खेल नहीं हुआ। 

14 मार्च को इंग्लैण्ड की टीम 5 विकेट खोकर 654 रन बना लिए थे और जीत के लिए मात्र  42 रन चाहिए थे लेकिन बारिश की वजह से मैच रुक गया।  

इंग्लैण्ड की टीम को पानी वाली जहाज में घर जाना था इसलिए लक्ष्य को हासिल नहीं किया 

चूँकि उस समय एक नियत समय पर शिप चला करती थी। तब फ्लाईट नहीं हुआ करती थी। इसलिए जब इतने दिन मैच चला तो इन्ग्लैड की टीम को अपने घर जाना था इसलिए उन्होंने लक्ष्य का पीछा न करकर घर जाना ठीक समझा।