Afghanistan Cricket Success Story: साल 2001 है। युद्ध से तबाह हुआ अफगानिस्तान धीरे-धीरे अपने आपको संभाल रहा है। मलबे और पुनर्निर्माण के बीच उम्मीद की एक लौ जलती है - यह लौ क्रिकेट की होती है। तब अफगानिस्तान में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि आज से 24 साल बाद पूरा अफगानिस्तान क्रिकेट की वजह से ख़ुशी से सराबोर होगा। आइये एक नज़र अफगानिस्तान के क्रिकेट सफ़र (Afghanistan Cricket Team Journey From Affiliate ICC Member to Full ICC Member) के बारे में डालते हैं:-
2001- अफगानिस्तान बना ICC का एफिलिएट मेंबर
गौरतलब है कि अफगानिस्तान तालिबान शासन के हटने के ठीक एक साल बाद अफगानिस्तान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का एक एफिलिएट मेंबर बना। इसके बाद अफगानिस्तान की टीम पाकिस्तान जाकर वहां की घरेलु टीमों के साथ मैच खेला करती थी।
इन मैचों में पाकिस्तान की डिवीजन 2 की घरेलु टीमों से करारी हार का सामना करना पड़ता था। किसे पता था कि जो अफगानिस्तान पाकिस्तान की घरेलु टीम से हार रही है वही अफगानिस्तान एक दिन टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में होगी वहीं पाकिस्तान सेमीफाइनल से बाहर होगा। क्रिकेट में अफगानिस्तान का शानदार आगाज हुआ है।
शुरुआती दिन: अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का निर्माण (2001-2009)
2001 से 2009 के दौरान अफगानिस्तान की टीम जापान, चिली, फिजी और बोत्सवाना टीम के खिलाफ मैच खेला करती थी। इस दौरान सीमित संसाधनों और बुनियादी ढांचे के साथ अफगानिस्तान में क्रिकेट बढ़ा। लोकप्रियता बढ़ी। स्थानीय टूर्नामेंट फले-फूले और शानदार प्रतिभाओं से भरी एक राष्ट्रीय टीम आकार लेने लगी।
फिर आया साल 2009 , यह साल अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आया। इस साल अफ़गानिस्तान ने अपना पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ़ एबरडीन में खेला। हालांकि पहले अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच में अफगानिस्तान को 61 रन की हार झेलनी पड़ी। लेकिन इसके बावजूद भी टीम का उत्साह कम नहीं हुआ। इस मैच ने अफ़गानिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आधिकारिक रूप से प्रवेश का संकेत दिया।
T20I मैच और T20I विश्व कप (2010)
2009 के बाद साल आया 2010, इस साल क्रिकेट की दुनिया ने सबसे छोटे प्रारूप - टी20 (T20) प्रारूप तीसरा वर्ल्ड कप आयोजित किया। 2010 में अफगानिस्तान ने आयरलैंड के खिलाफ़ अपना पहला T20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला और वेस्टइंडीज़ में आयोजित तीसरे ICC T20 विश्व कप में अपनी जगह पक्की की।
अफगानिस्तान का पहला विश्व कप एक सीखने का अनुभव रहा। भारत और दक्षिण अफ़्रीका जैसी दिग्गज टीमों का सामना करते हुए वे ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गए। हालाँकि अफगानिस्तान ने जो जोश और प्रतिभा दिखाई, उसने क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा। अफ़गान प्रशंसकों की दहाड़, अफगानिस्तान के विदेश में बसे कई शरणार्थी स्टेडियमों में अफगानिस्तान का समर्थन करने आते रहे, जिससे खेल की एकजुटता की शक्ति का प्रदर्शन हुआ।
2013 में अफगानिस्तान ICC का एसोसिएट मेंबर बना
2010 के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट में लगातार विकास हुआ। अफ़गानिस्तान ने 2013 में ICC में अपना एसोसिएट सदस्य का दर्जा हासिल किया, जिससे उन्हें फंडिंग और सहायता तक ज्यादा पहुँच मिली। इसने घरेलू क्रिकेट के विकास को बढ़ावा दिया, जिसमें अकादमियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया। इसका रिजल्ट भी देखने को मिल रहा था। एशिया कप और विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
2017- अफगानिस्तान बना ICC का 12वां टेस्ट प्लेइंग देश
साल 2017 अफ़गानिस्तान के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि लेकर आया। इस साल अफगानिस्तान ICC का 12वाँ पूर्ण सदस्य बन गया। मतलब अब अफगानिस्तान टेस्ट क्रिकेट खेल सकता था। यह दर्जा पाने के बाद उनका ICC क्रिकेट विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में खेलने का रास्ता साफ़ हुआ। अफगानिस्तान ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत के खिलाफ भारत में खेला।
2024- टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचना
25 जून 2024 अफगानिस्तान के लिए वह ऐतिहासिक दिन जो भारत के लिए 25 जून 1983 का दिन है। क्योंकि इसी तारीख को अफगानिस्तान ने बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
2024- टी20 विश्व कप अफगानिस्तान के लिए रहा शानदार
अफगानिस्तान, अब अंडरडॉग नहीं रहा, बल्कि विश्व क्रिकेट में एक ताकत बन गया है। इस साल विश्व कप टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश जैसी टेस्ट खेलने वाली टीमों को हराया है और सेमीफाइनल में जगह बनायीं है।