Lisa Sthalekar Inspiring Story in Hindi
क्रिकेट से कई ऐसे सितारे उभरे हैं जिन्होंने देश के लाखो युवाओं को प्रभावित किया है। वैसे तो भारत में क्रिकेट एक धर्म माना जाता है। यहाँ पर पुरुष क्रिकेटर्स के नाम विश्व क्रिकेट के ढेरो रिकार्ड दर्ज हैं। आज हम एक ऐसी महिला क्रिकेटर के बारें में बात करेंगे जिनका जन्म भारत में हुआ लेकिन उन्हें एक विदेशी दंपत्ति ने अनाथ आश्रम से गोद लिया और फिर बाद में वह ऑस्ट्रेलिया के तरफ से क्रिकेट ही नहीं खेली, बल्कि ऑस्ट्रेलियन महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की । आइये जानते हैं कि कौन है वह खिलाड़ी और क्या है उनकी कहानी?
लीजा स्थालेकर: भारत में एक अनाथ से लेकर ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनने की प्रेरणादायक और दिलचस्प कहानी (Lisa Sthalekar Inspiring stories)
लीजा स्थालेकर ऑस्ट्रेलिया की पूर्व आलराउंडर रह चुकी हैं। आज के समय में वह क्रिकेट ब्रॉडकास्ट में काफी बड़ा नाम है। वह इंटरनेशनल मैचों में क्रिकेट कमेंटरी करती हैं। इसके अलावा वह मैचों की एनालिसिस भी करती हैं। महिला कमेन्टेटर के रूप में उनका नाम काफी बड़ा है। लीजा स्थालेकर मूल रूप से भारतीय हैं। वह अक्सर आईपीएल के दौरान भारत आती-जाती रहती है। वह ट्विटर पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। लीजा स्थालेकर की कहानी एक दम फ़िल्मी है। अगर उनकी कहानी को देखा जाय तो देव पटेल की 'लायन' की तरह उनकी जिंदगी की कहानी हुबहू है।
आइये जानते हैं कि भारत में जन्म लेकर वह ऑस्ट्रेलिया कैसे पहुंची और ऑस्ट्रेलियन महिला क्रिकेट में उनका योगदान क्या है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए लीजा स्थालेकर का रिकार्ड
लीजा स्थालेकर ने ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 8 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमे उन्होंने 416 रन बनाये हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 125 वनडे मैच खेलते हुए 2728 रन बनाये हैं और 146 विकेट झटके हैं। यही नहीं उन्होंने टी20 मैचों में ऑस्ट्रेलिया के लिए 54 T20Is मैचों में 769 रन बनाये हैं तथा 60 विकेट भी झटके है।
लीजा स्थालेकर का जन्म
लीजा स्थालेकर का जन्म 13 अगस्त 1978 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। किसी वजह से उनके माँ-बाप उन्हें 'श्रीवत्स' नाम के अनाथ आश्रम के गेट पर छोड़ गए। बाद में उन्हें अनाथ आश्रम में लैला नाम मिला।
एक बार अमेरिका के मिशिगन सिटी से एक दंपत्ति जिनका नाम हरेन और सू था वे एक बच्चे को गोद लेने की तलाश में पुणे आये। उनके पास पहले से ही एक बेटी थी और वे एक बेटा गोद लेना चाहते थे। इस अनाथालय में उन्हें मनमुताबिक कोई बच्चा नहीं मिला।
लीजा को विदेशी दंपत्ति ने लिया गोद
सू को लैला की बड़ी भूरी आँखों से प्यार हो गया और उसने उसे गोद लेने का फैसला किया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वे मिशिगन जाकर शिफ्ट हो गए। इसके बाद इस दंपत्ति ने लैला का नाम बदल कर लीजा रख दिया। बाद में यह परिवार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आकर बस गया।
चूँकि ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट काफी फेमस है। इसलिए लीजा के पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलना सिखाया। लीजा अपने घर के पीछे बैकयार्ड में क्रिकेट खेला करती थी। जब वह बड़ी हुई तो वह लड़कों के साथ ग्राउंड में क्रिकेट खेलने लगी।
ऑस्ट्रेलिया के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू
जैसे-जैसे वह बड़ी होती गयी क्रिकेट के प्रति उनका जूनून बढ़ता गया। इसके बाद उनका ऑस्ट्रेलिया के घरेलु टीम न्यू साउथ वेल्स में 1997 में डेब्यू हुआ। इसके चार साल बाद 2001 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के वनडे मैच में डेब्यू किया।
ऑस्ट्रेलया के लिए फिर उन्होंने 2003 ने टेस्ट और 2005 ने टी20 डेब्यू किया।
लीजा स्थालेकर पहली ऐसी महिला क्रिकेटर रही जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 1000 रन बनाये और 100 विकेट भी झटके। वह आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर 1 आलराउंडर भी बनी
READ THIS: दुबई में कभी करते थे स्टोरकीपर का काम, आज हैं IPL में CSK के तेज गेंदबाज़
यही नहीं उन्होंने ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की। हाल ही में लीजा स्थालेकर को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
लीजा ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की 4 बार वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रह चुकी है। इसमें दो बार टीम ने ODI वर्ल्ड कप जीता था और 2 बार T20 वर्ल्ड कप जीता था।