आज के जमाने में नौकरी पाना बहुत मुश्किल है और सरकारी नौकरी पाना जैसे मोक्ष्य को प्राप्त होना है। सरकारी नौकरी एक तरह से आज के समय में सफलता का सबसे ऊँचा मापदंड बन गया है। लोग सोचते हैं कि जो सरकारी नौकरी पा जाता है उसकी ज़िंदगी बन जाती है। यह बात काफी हद तक सही भी है।
ऑफर लेटर को फाड़ दिया
भारत के लिए खेलने वाला एक क्रिकेटर सरकारी नौकरी के ऊपर क्रिकेट को चुना। यह क्रिकेटर और कोई नहीं बल्कि हार्दिक पांड्या के भाई कृणाल पांड्या है। कृणाल पांड्या को सरकारी नौकरी का ऑफर मिला था। लेकिन उन्होंने ऑफर लेटर को फाड़ दिया।
स्पीड पोस्ट में नौकरी करने का मिला था ऑफर
क्रुनाल पांड्या को स्पीड पोस्ट में नौकरी की पेशकश की गई थी। एक मध्यंम वर्गीय परिवार में हर एक माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे। लेकिन क्रुणाल पांड्या ने अपने क्रिकेटिंग सपनों को पूरा करने के लिए ऑफर लेटर को फाड़ दिया। वह उस समय आश्वस्त थे और उन्हें पता था कि वह क्रिकेट में इससे भी बढ़िया काम करेंगे।
कृणाल पांड्या ने यह बातें क्रिकबज़ के एक इंटरव्यू में कही। उन्होंने बताया कि उन्होंने क्रिकेट के लिए 2 से 3 साल तक खूब मेहनत की, इस दौरान मैंने सरकारी नौकरी के लिए कोशिश भी नहीं की।
बाद में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए बड़ौदा टीम में जगह बनाने के लिए ट्रायल गेम्स में अच्छा प्रदर्शन किया, और उसके बाद में तत्कालीन मुंबई इंडियंस के कोच जॉन राइट की सलाह पर उन्हें मुंबई की टीम में शामिल किया गया।
क्रुणाल पांड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस के लिए अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत के लिए ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच भी खेला।वह 2011 में मुंबई इंडियंस में शामिल हुए और तब से फ्रेंचाइजी के लिए 55 मैचों का हिस्सा रहे।
मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए, क्रुणाल पांड्या ने मुंबई इंडियंस के लिए 26.20 की औसत से 891 रन बनाए है। उन्होंने IPL टूर्नामेंट में एक अर्धशतक लगाया है और 146.06 की शानदार स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है। बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर ने भी 28.20 की औसत से 40 विकेट भी लिए हैं, जिसमें 3/14 के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े हैं।
बड़ौदा के ऑलराउंडर अपने छोटे भाई हार्दिक पांड्या की तरह ही मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं। बड़ौदा शहर ने कई क्रिकेट दिग्गजों को भारतीय टीम को सौंपा है। दोनों भाइयों की यह जोड़ी अंतराष्ट्रीय स्त्तर भारत का नाम रोशन कर रही है। भारतीय टीम की जर्सी पहनना पांड्या ब्रदर्स के लिए आसान नहीं था।
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शुरू में इनके पास क्रिकेट बैट खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। क्योंकि बैट बहुत महंगे होते थे और वह एक अच्छा इंग्लिश विलो वाला बैट 7000-8000 रुपये का आता था। रणजी ट्रॉफी खेलने से पहले उनके पास कोई प्रॉपर बैट नहीं था। इरफान पठान ने तब हार्दिक को बैट दिया था, और कृनाल के पास एक बैट था.