महेंद्र सिंह धोनी ने स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर सन्यास की घोषणा करके सबको चौंका दिया है। लोग कयास लगा रहे थे कि आईपीएल के बाद वह अपने करियर के बारें में कुछ फैसला कर सकते हैं। लेकिन कोरोनावायरस के आने और इस साल के आईपीएल के शुरू होने से पहले ही धोनी ने भारतीय टीम की तरफ से न खेलने का फैसला किया है। उनके साथ ही सुरेश रैना ने भी इसी दिन संन्यास की घोषणा करके पूरी क्रिकेट बिरादरी को हैरत में डाल दिया।
वैसे तो धोनी पर फिल्म बन चुकी हैं उनका किरदार निभाने वाले अभिनेता सुशांत सिंह अब इस दुनिया में नही रहे। धोनी के सन्यास को लेकर लोग यह भी कह रहे हैं कि किरदार निभाने वाले ने इस दुनिया को क्या अलविदा का कि धोनी ने किरदार को जीने से सन्यास ले लिया है।
वैसे जो भी फिल्म उनके क्रिकेटिंग करियर के ऊपर बनी है उसके बारें में सभी जानते हैं। लेकिन धोनी से जुड़े कुछ अनजाने फैक्ट्स और जानकारियाँ अब भी हैं जिनके बारें में लोगों को नहीं पता है। आज हम आपको बताएँगे कि धोनी कैसे फर्श से उठकर अर्श तक पहुंचे। आज हम धोनी के क्रिकेट करियर के शुरूआती दिनों के बारे में बात करेंगे।
आइये उस सिलसिले के बारें में जानते हैं कि कैसे धोनी 'कैप्टेन कूल' बने।
- धोनी ने रांची के DAV जवाहर विद्या मंदिर से पढाई की है। धोनी अपने स्कूल के दिनों में बैडमिन्टन और बास्केटबाल भी खेला करते थे। वह अपने स्कूल में फुटबाल टीम के गोलकीपर थे। एक बार उनके स्कूल कोच KR बनर्जी ने उन्हें क्रिकेट टीम के लिए विकेटकीपिंग करने के लिए कहा। धोनी इस बात पर सहमत हो गए। इस तरह से उनकी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत हुई।
- धोनी बिहार U-19 टीम में कूच बिहार ट्रोफी के लिए 1998-99 में चुने गए थे। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 5 मैचों में कुल 185 रन बनायें। अगला साल U-19 इंडिया के लिए खेलने का उनका आखिरी साल था।
धोनी ने 1999/00 कूच बिहार ट्राफी में 9 मैचों में कुल 488 रन बनाये थे। उन्होंने फ़ाइनल में पंजाब के खिलाफ 84 रन भी बनाये थे। धोनी को उम्मीद थी कि इस प्रदर्शन की वजह से वह U-19 टीम में जगह बना पायेंगे और श्रीलंका में उस साल होने वाले U-19 विश्व कप में खेल पायेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
- इस U-19 विश्व कप के लिए तीन विकेटकीपर दौड़ में शामिल थे. जिसमे धोनी के अलावा विदर्भ के अमित देशपांडे, और अजय रात्र थे. अजय रात्र को टीम में जगह मिली. धोनी के टीम में न चुने जाने का कारण था कि वह CK नायडू ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये थे.
- धोनी ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू और लिस्ट A डेब्यू असम के खिलाफ 2000 में जमशेदपुर में किया था. अपने फर्स्ट क्लास मैच में उनका पहला शिकार पराग दास बने थे. जिन्हें धोनी ने स्टंप आउट किया था. 19 साल बाद धोनी ने पराग दास के बेटे रियान पराग को जयपुर में आईपीएल मैच के दौरान कैच आउट किया था.
- बिहार से खेलने से पहले धोनी सेन्ट्रल कोल लिमिटेड की तरफ से खेल चुके थे. धोनी ने एक स्कूल मैच में दोहरा शतक जमाया था और शबीर हुसैन के साथ 378 रन की साझेदारी की थी.
- धोनी ने अपनी फर्स्ट क्लास सेंचुरी ईडन गार्डन में बंगाल के खिलाफ बनायीं थी. 2000/01 रणजी सीजन के 4 मैचों में धोनी ने 195 रन बनाया था. वह दिलीप ट्राफी के लिए ईस्ट जोन में चुने गए थे. धोनी को यह ख़बर बहुत बाद में पता चली.
मैच में केवल 20 घंटे बचे थे. यह मैच साउथ जोन के खिलाफ अगरतला में था. धोनी को रांची से अगरतला जाना था. बहुत कम समय होने के कारण धोनी टाइम पर वहाँ नहीं पहुँच पाये जिसकी वजह से वह मैच नहीं खेल पाये. इसके बाद वह टीम के साथ पुणे गए जहाँ धोनी ने सचिन तेंदुलकर को पहली बार देखा. सचिन उनके आइडल थे. सचिन ने ड्रिंक्स ब्रेक में धोनी से पानी भी मंगवाया था.
- धोनी खडंगपुर में टीटीई के रूप में काम करने गए थे. वह साउथ ईस्टर्न रेलवे का हिस्सा थे. 2002 में धोनी रेलवे टीम में सेलेक्शन के लिए गए. लेकिन सेलेक्टर उनके विकेटकीपिंग प्रदर्शन से खासे प्रभावित नहीं हुए.
- धोनी दुर्गा स्पोर्टिंग क्लब के लिए टेनिस बाल से खेला करते थे. वह अपना ट्रेडमार्क 'हेलीकाप्टर शॉट' जिसे वह 'थप्पड़ शॉट' कहते थे, इसे वह अपने बचपन के दोस्त संतोष से सीखा था. दुर्भाग्य से संतोष की मृत्यु 2013 में हो गयी.
- बीसीसीआई ने टैलेट रिसोर्सेज डेवलपमेंट विंग की शुरुआत की थी. ताकि कम समय में भारत में टैलेंट को खोजा जा सके. धोनी टीआरडी ऑफिसर प्रकाश पोद्दार (पूर्व बंगाल कप्तान) की खोज थे. 2004 का साल धोनी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
- धोने ने अपना पहला लिस्ट A शतक (128*) असम के खिलाफ और सेन्ट्रल जोन के खिलाफ 114 रन 2004 की देवधर ट्राफी में बनाया था. इस प्रदर्शन की वजह से धोनी ने इडिया A में जगह बनायीं और टीम इंडिया A के साथ केन्या और ज़िंबाबवे के दौरे पर गए. धोनी ने पाकिस्तान A के खिलाफ चार टीमो के टूर्नामेंट में दो शतक लगाया. इस प्रदर्शन की वजह से धोनी 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' अवार्ड के लिए चुने गए.
- धोनी का चयन बोर्ड प्रेसिडेंट XI के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ जयपुर के लिए हुआ. धोनी ने इस तीन दिवसीय खेल में 39 रन बनाये थे. 2004/05 रणजी ट्राफी सीजन में धोनी ने J&K के खिलाफ 48, केरल के खिलाफ (97, 6*) और उड़ीसा के खिलाफ (128 & 9) रन बनाये थे. इस प्रदर्शन की वजह से उनका नाम बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए चूना गया.
- धोनी ने 23 दिसंबर 2004 में अपना डेब्यू किया. उन्होंने चिटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू किया. अपने पहले मैच में वह 0 पर रन आउट हुए. अगले दो मैचों में वह केवल 12 और 7* रन ही बना सके.
- इडिया की तरफ से डेब्यू करने से पहले धोनी अपनी क्रिकेट किट के लिए स्पोंसर पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. उनके दोस्त परमजीत सिंह ने उनको स्पोंसर दिलाने में बहुत मदद की. 2004 में नागपुर में इंटर रेलवे टूर्नामेंट में धोनी बहुत अच्छा खेले थे. उनके नाम का डंका इस समय क्रिकेट की दुनिया में बजने लगा था.
ज्यादा जानकारी के लिए इस ट्विटर थ्रेड को पढ़ें-
#MSDhoni retires from international cricket. What an amazing journey he has had! Someone who came from a small-town & went on to become a Legend! Only captain to win all ICC tournaments. Gave people the power to believe in their abilities. Here's his journey - A Thread
— Sarang Bhalerao (@bhaleraosarang) August 15, 2020
- धोनी ने इस टूर्नामेंट में 56 गेंदों में 148 और 48 गेंदों में 124 रन बनाये थे. जब एक फोटोग्राफर उन्हें फोटो खिंचाने के लिए कहा तो धोनी ने कहा कि भले ही उनकी फोटो ढंग से न आये लेकिन उनके बैट का स्टीकर जरूर आना चाहिए. धोनी चाहते थे कि उनके बैट का लोगो फोटोग्राफर द्वारा क्लिक हो.
- 2005 में धोनी सौरव गांगुली की कप्तानी वाली सीनियर टीम के चैलेंजर ट्राफी मे टीम का हिस्सा थे, गांगुली इस टीम के कप्तान थे. इंडिया B के खिलाफ मैच में सीनियर टीम को 276 रन जीतने के लिए चाहिए थे. धोनी ने ओपनिंग करते हुए 96 गेंदों में 102 रन 4 छक्कों और 10 चौकों की मदद से बनाये.
- धोनी अपने पहले 3 इंटरनेशनल मैच में बुरी तरह से फ्लाप हुए थे. चौथे मैच में कोच्ची में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ केवल 3 रन बनाया. इन चारों मैचों में धोनी ने निचले क्रम में बल्लेबाजी की थी. गांगुली टॉप आर्डर में धोनी की आक्रामकता को चैलेंजर ट्राफी में देख चुके थे. इसलिए पांचवें मैच में उन्होंने धोनी को नंबर 3 पर उतारा.
और इस मैच में धोनी ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 148 रन बनाये. पूरी दुनिया पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर धोनी की आक्रामक बैटिंग की गवाह बनी. धोनी नंबर 3 पर बैटिंग करते हुए शतक लगाने वाले दुसरे भारतीय विकेटकीपर भी बने. पहले थे राहुल द्रविड़/
-धोनी ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ चेपक में अपना टेस्ट डेब्यू किया. जिस तरह से उन्होने अपने 5वें वनडे में शतक लगाया था ठीक उसी प्रकार से अपने 5वें टेस्ट मैच में भी पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन बनाया.
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महेंद्र सिंह धोनी जिन्हें 'कैप्टेन कूल कहा जाता है, बाद में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की और आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट को जिताया. धोनी का योगदान भारतीय क्रिकेट में अतुलनीय है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कोई भी खिलाड़ी उनकी तरह मिलना बहुत मुश्किल होगा। देखना दिलचस्प होगा कि उनका उत्तराधिकारी कौन बनता है।
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By- देवराज प्रदीप वर्मा