क्रिकेट इतिहास में जब बात विदेशी धरती पर बेहतरीन प्रदर्शन की बात आती है तो SENA देशों (South Africa, England, New Zealand, Australia) में एशियाई बल्लेबाज़ों द्वारा बनाई गई विशाल पारियाँ विशेष सम्मान की हकदार होती हैं। इन चार चुनौतीपूर्ण देशों में रन बनाना हमेशा से कठिन माना गया है हरी पिचें, स्विंग, बाउंस और तेज गेंदबाज़ों की धार हमेशा बल्लेबाज़ों की परीक्षा लेती है। बावजूद इसके कुछ एशियाई दिग्गजों ने ऐसे कठिन हालातों में ऐतिहासिक पारियाँ खेली हैं।
नज़र डालते हैं SENA देशों में एशियाई बल्लेबाज़ों के द्वारा बनाए गए सर्वोच्च टेस्ट स्कोर पर:
1.ज़हीर अब्बास – 274 रन बनाम इंग्लैंड, 1971
पाकिस्तान के ‘एशियन ब्रैडमैन’ कहे जाने वाले ज़हीर अब्बास ने 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ 274 रन की अद्वितीय पारी खेली थी। यह पारी न सिर्फ उनकी तकनीकी क्षमता का प्रतीक थी बल्कि यह SENA में किसी एशियाई बल्लेबाज़ का सबसे ऊँचा स्कोर भी है।
2.जावेद मियांदाद – 271 रन बनाम न्यूज़ीलैंड, 1989
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भी पाकिस्तान के महान बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद इस सूची में दो बार शामिल हैं। 1989 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 271 रन बनाए थे। मियांदाद का दूसरा महान योगदान 1987 में इंग्लैंड के खिलाफ 260 रन की पारी रही। उन्होंने साबित किया कि वह विदेशी ज़मीन पर भी निरंतरता के प्रतीक थे।
3. शुभमन गिल – 269 रन बनाम इंग्लैंड, 2025
भारतीय युवा कप्तान शुभमन गिल ने हाल ही में 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ 269 रन की विस्फोटक पारी खेली जिससे वह SENA में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले तीसरे एशियाई बल्लेबाज़ बन गए। यह पारी न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि थी बल्कि भारतीय क्रिकेट की भविष्य की चमक भी। यह पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी कप्तान द्वारा सबसे बड़ा स्कोर है।
4.अरविंदा डीसिल्वा – 267 रन बनाम न्यूज़ीलैंड, 1991
श्रीलंका के तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाज़ अरविंदा डीसिल्वा ने 1991 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 267 रन की पारी खेली थी। यह श्रीलंकाई क्रिकेट की उस दौर की सबसे शानदार पारियों में से एक मानी जाती है।
5. सचिन तेंदुलकर – 241 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2004*
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 241* रन की नाबाद पारी खेली थी। खास बात यह रही कि उन्होंने इस पारी में एक भी कवर ड्राइव नहीं खेला अपनी कमजोरी को ताकत में बदलते हुए यह पारी संयम क्लास और अनुशासन का अद्वितीय उदाहरण थी।
SENA देशों में शतक बनाना ही एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है और इन बल्लेबाज़ों ने तो दोहरे और तिहरे शतक के करीब जाकर इतिहास रच दिया। चाहे वह ज़हीर अब्बास हो या शुभमन गिल का युवा जोश ये पारियाँ एशियाई बल्लेबाज़ों की क्षमता और जज़्बे का प्रमाण हैं। यह सूची आने वाले समय के खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि यदि हौसला हो तो किसी भी परिस्थिति में इतिहास रचा जा सकता है।