क्या है बुची बाबू टूर्नामेंट का इतिहास, जिसमें सूर्य कुमार और ईशान किशन खेलने वाले हैं

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जब से सूर्य कुमार यादव और ईशान किशन की रेड बॉल क्रिकेट में वापसी की खबर फैली है तब से लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर ये दोनों  बुची बाबू ट्रॉफी टूर्नामेंट में क्यों खेल रहे हैं। बहुत से क्रिकेट प्रशंसक इस टूर्नामेंट के बारे में पहली बार सुन रहे होंगे। तो आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि बुची बाबू ट्राफी का इतिहास क्या है (What is the Buchi Babu tournament?)? इसमें कितनी टीमें हिस्सा लेती हैं और इसका शेड्यूल क्या है?

बुची बाबू ट्रॉफी टूर्नामेंट का इतिहास 

बुची बाबू ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में से एक है। अब इसकी वापसी हो गई है। इस साल यानी  2024 में यह इसलिए चर्चा में आया है क्योंकि इसमें सूर्य कुमार यादव और ईशान किशन हिस्सा ले रहे हैं। 

Ishan Kishan  Buchi Babu news in Hindi

सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में कहा कि वह भारत के लिए तीनों फार्मेट खेलना चाहते हैं वहीं ईशान किशन जब से साउथ अफ्रीका दौरे से मानसिक स्थिति बता कर लौटे हैं तब से उनकी भारतीय टीम में जगह नही बन रही है। दोनों इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर अपनी रेड बॉल स्किल को दिखाना और निखारना चाहते हैं। 

Surya Kumar Yadav Buchi Babu Turnament news in Hindi

आपको बता दें कि यह टूर्नामेंट रेड बॉल टूर्नामेंट है। इसमें एक मैच 4 दिन का होता है। 

किसने नाम पर पड़ा है बुची बाबू टूर्नामेंट 

अब के चेन्नई पहले के मद्रास में क्रिकेट को फेमस बनाने वाले मोथावरपु वेंकट महिपति नायडू जिन्हें बुची बाबू नायडू के नाम से जाना जाता था, उनके नाम पर इस टूर्नामेंट का नाम पड़ा है। यह टूर्नामेंट पहली बार 1909 में खेला गया था।1934 में रणजी ट्राफी शुरू होने से पहले बुची बाबू टूर्नामेंट भी भारत का सबसे बड़ा प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट था।

बुची बाबू ने मद्रास प्रेसिडेंसी से सबसे अच्छे खिलाडियों को अंग्रेजो के खिलाफ खेलने के लिए इस टूर्नामेंट की शुरुआत की थी। पहले यह टूर्नामेंट क्लब स्तर पर खेला जाता था। 

बुची बाबू ने पहला संस्करण आयोजित किया। इसके बाद उनकी असमय मौत हो गयी। उनकी मौत के बाद इस टूर्नामेंट का बुची बाबू टूर्नामेंट रख दिया गया। इस टूर्नामेंट में तमिलनाडु की दो टीमें खेलना जरूरी होती है। 

चौकाने वाली बात यह है कि 1930 के दशक में रणजी ट्रॉफी शुरू होने से पहले यह भारतीय क्रिकेट कैलेंडर का सबसे बड़ा टूर्नामेंट हुआ करता था।


इस टूर्नामेंट में सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, मोहम्मद अजहरुद्दीन, और श्रीकांत जैसे धुरंधर खेल चुके हैं। 

इस टूर्नामेंट के मैच 4 दिन चलते हैं। इसमें 12 टीमें हिस्सा लेती हैं। जिन्हें 4 ग्रुप में बांटा जाता है। 10 टीमें राज्य की टीमें होती है जबकि 2 टीम तमिलनाडु से होती है। जिनका नाम तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) अध्यक्ष XI और TNCA XI होता है।

इस साल (2024) में इस टूर्नामेंट में निम्न टीमें हिस्सा ले रही हैं। 

ग्रुप A: मध्य प्रदेश, झारखंड और हैदराबाद

ग्रुप B : रेलवे, गुजरात और TNCA अध्यक्ष XI 

ग्रुप C: मुंबई, हरियाणा और TNCA XI

ग्रुप D: जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़ और बड़ौदा

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पिछले साल चंद्रकांत पंडित की मध्य प्रदेश ने श्री रामकृष्ण कॉलेज ग्राउंड पर दिल्ली को 250 रनों से हराकर इस ट्रॉफी को जीता था। मध्य प्रदेश के सुमित कुशवाह पिछले साल के आयोजन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे।